भूतिया हवेली: एक पुरानी हवेली थी जो एक समय में सुंदरता और शान से भरी हुई थी, लेकिन समय के साथ ही उसमें अजीब घटनाएँ घटना शुरू हो गई। हवेली के कमरों में अचानक अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं, और रात्रि के समय अजीब रूप में चमकती हुई आत्माएँ दिखाई देने लगीं।
वहाँ के लोग डर के मारे हवेली से दूर रहने लगे, परंतु कुछ नास्तिक और विश्वासहीन लोग ने उसे बुरी नजर से देखा। उन्होंने कई बार कोशिश की कि वह हवेली की रहस्यमय गतिविधियों का पता लगाएं, परंतु हर बार उन्हें कोई अजीब घटना हो जाती।
एक रात, एक नास्तिक युवक ने अपनी दोस्तों के साथ मिलकर हवेली में प्रवेश किया। वह सोचता था कि यह सब बाकी सब अफवाह हैं और कोई भूतिया नहीं है। परंतु, उसी रात हवेली में कुछ अजीब होने लगा। उन्हें अचानक हवेली के गहरे हिस्सों से अजीब आवाजें सुनाई दीं और उसके दोस्तों में से एक गायब हो गया।
यह घटना उस युवक को बहुत भयानक लगी और वह तत्परता से हवेली से बाहर निकल आया। इसके बाद से, भूतिया हवेली की चर्चा गांव के लोगों में और भी बढ़ गई, और लोग उससे दूर रहने लगे। हवेली एक अबंज स्थान बन गई, जहाँ कोई भी नहीं जाना चाहता था।
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भूतिया हवेली की कहानी हिंदी में
Story of haunted mansion in hindi
एक समय की बात है, एक पुराने हवेली के पास एक गांव बसा हुआ था। यह हवेली बहुत ही डरावनी थी, और उसके आसपास की जगहों पर लोगों की बड़ी बातें चली जाती थी। कहते थे कि रात के समय वहाँ अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देती थी और वहाँ कोई भूत-प्रेत घूमते थे।
एक दिन, गांव में एक नया परिवार आया। उनके पास हवेली में रहने का आलंब था। पहली बार जब वह वहाँ पहुंचे, तो उन्हें वहाँ की अजीब महौल में थोड़ा समय लगा समझने में। परंतु धीरे-धीरे, उन्हें भी वह डरावनी ख़ामोशी महसूस होने लगी।
एक रात, जब सभी सो रहे थे, तभी वहाँ कुछ अजीब आवाजें सुनाई दी। संगीन रात की अंधेरे में, वहाँ से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, पर वह आवाजें सुनाई दे रही थीं। नए परिवार के सदस्य सभी डर के मारे थे।
धीरे-धीरे, एक सदस्य ने वह आवाजों की ओर बढ़ते हुए देखा कि वह आवाजें एक पुराने कमरे से आ रही थीं। उसने वहाँ जाकर देखा कि वह कमरा बंद था, फिर भी वहाँ से आवाजें आ रही थीं।
वह साहस से कमरे का दरवाजा खोला और देखा कि एक पुराना पियानो स्वयं बजा रहा था, जैसे कोई अत्यंत कलात्मक प्रदर्शन कर रहा हो। यह दृश्य उसको बहुत हैरानी में डाल दिया। वह समझ गया कि यह घटनाएँ उस पुराने पियानो के खो गए संगीन स्वरों की ज़िन्दगी का एक हिस्सा था।
उसने पियानो की आवाजें सुनी और वह कुछ समय तक वहीं खड़ा रहा। फिर, धीरे-धीरे, उसने खुद भी पियानो बजाना शुरू किया। उसका संगीन संगीत उस हवेली की दीवारों में बसा हर डर भगाकर, एक नई संगीनी आत्मा को जगाई। उस रात से वह पुरानी हवेली नई जिंदगी में बदल गई। उसे सब बड़ी हर्षिति से जीने का मौका मिला।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि डर और भय को पार करने पर अच्छी चीजें हमें मिल सकती हैं, और कभी-कभी हमें अपनी ही आत्मा को पहचानने की आवश्यकता होती है। इसी भावना के साथ, हमेशा साहसी रहना चाहिए, चाहे जैसी भी परिस्थितियाँ क्यों न हों।
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