Ma Kavita in Hindi
इस Ma Kavita in Hindi में, माँ के स्नेह और ममता की महिमा को सुनहरे शब्दों में बयां किया गया है। इस कविता के माध्यम से हम माँ के साथ बिताए अनमोल पलों को याद करते हैं और उनकी ममता को समर्पित करते हैं। एक छोटे से कविता में छुपा हुआ है सच्चे प्रेम और समर्पण का अद्भुत संदेश, जो हर माँ को समर्पित है। यह Ma Kavita in Hindi आपको माँ के प्रति अपने भावनात्मक क्षमता को प्रकट करने का एक अद्वितीय तरीका प्रदान करती है।

मैं अपने छोटे मुख कैसे करूँ तेरा गुणगान
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
माता कौशल्या के घर में जन्म राम ने पाया
ठुमक-ठुमक आँगन में चलकर सबका हृदय जुड़ाया
पुत्र प्रेम में थे निमग्न कौशल्या माँ के प्राण
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
दे मातृत्व देवकी को यसुदा की गोद सुहाई
ले लकुटी वन-वन भटके गोचारण कियो कन्हाई
सारे ब्रजमंडल में गूँजी थी वंशी की तान
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
तेरी समता में तू ही है मिले न उपमा कोई
तू न कभी निज सुत से रूठी मृदुता अमित समोई
लाड़-प्यार से सदा सिखाया तूने सच्चा ज्ञान
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
कभी न विचलित हुई रही सेवा में भूखी प्यासी
समझ पुत्र को रुग्ण मनौती मानी रही उपासी
प्रेमामृत नित पिला पिलाकर किया सतत कल्याण
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
‘विकल’ न होने दिया पुत्र को कभी न हिम्मत हारी
सदय अदालत है सुत हित में सुख-दुख में महतारी
काँटों पर चलकर भी तूने दिया अभय का दान
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
Maa Kavita- प्यारी प्यारी मेरी माँ
प्यारी प्यारी मेरी माँ
सारे जग से न्यारी माँ…
लोरी रोज सुनाती है,
थपकी दे सुलाती है….
जब उतरे आगन में धुप,
प्यार से मुझे जगाती है….
देती चीजे सारी माँ,
प्यारी प्यारी मेरी माँ….
ऊँगली पकड़ चलाती है,
सुबह-शाम घुमाती है….
ममता भरे हुए हातो से,
खाना रोज खिलाती है….
देवी जैसी मेरी माँ,
सारी जग से न्यारी माँ….
प्यारी प्यारी मरी माँ
प्यारी प्यारी मेरी माँ…
Hindi Poem on Mother
जमीन पर जन्नत मिलती है कहाँ
दोस्तों ध्यान से देखा करो अपनी मा
जोड़ लेना चाहे लाखों करोड़ो की दौलत
पर जोड़ ना पाओगे कभी माँ सी सुविधा
आते हैं हर रोज फरिश्ते उस दरवाजे पर
रहती है खुशी से प्यारी माएं जहाँ जहाँ
छिन लाती है अपनी औलाद की खातिर खुशियाँ
कभी खाली नही जाती माँ के मुहं से निकली दुआ
वो लोग कभी हासिल नही कर सकते कामयाबी
जो बात बात पर माँ की ममता में ढूँढते है कमियां
माँ की तस्वीर ही बहुत,बड़े से बड़ा मन्दिर सजाने को
माँ से सुंदर दुनिया में नही होती कोई भी प्रतिमा
माँ का साथ यूँ चलता है ताउम्र आदमी संग
जैसे कदमों तले झुका रहता हो सदा आसमां
माँ दिखती तो है जिस्म के बाहर सदा
पर माँ है रूह में मौजुद बेपनाह होंसला
कभी गलती से भी बुरा ना सोचना माँ के बारे में
ध्यान रहे माँ ने ही रचा हर जीवन का घोंसला
मर कर भी बसी रहती है माँ धरती पर ही अ नीरज
कभी नही होता औलाद की खातिर उसके प्रेम का खात्मा
Maa Papa Kavita in Hindi
घुटनों से रेंगते-रेंगते,
कब पैरों पर खड़ी हुई,
तेरी ममता की छाँव में,
जाने कब बड़ी हुई,
काला-टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह,
माँ प्यार ये तेरा कैसा है?
सीधी-साधी, भोली-भाली,
मैं ही सबसे अच्छी हूँ,
कितनी भी हो जाऊ बड़ी,
“माँ!” मैं आज भी तेरी बच्ची हूँ..
Kavita on Maa in Hindi
मेरे सर्वस्व की पहचान
अपने आँचल की दे छाँव
ममता की वो लोरी गाती
मेरे सपनों को सहलाती
गाती रहती, मुस्कराती जो
वो है मेरी माँ।
प्यार समेटे सीने में जो
सागर सारा अश्कों में जो
हर आहट पर मुड़ आती जो
वो है मेरी माँ।
दुख मेरे को समेट जाती
सुख की खुशबू बिखेर जाती
ममता की रस बरसाती जो
वो है मेरी माँ।
Maa Par Kavita in Hindi
बचपन को जब, मुझे याद आया, हर लम्हा को भेजा गया
कोई नहीं तू ऐसी माँ, क्यूँ चंचल मैं बात बताती हूँ
मेरे दिन की शुरुआत से पहले
भूख मेरी,मेरी प्यास से पहले
मेरी हर आठ जान गयी, मेरी हर जिद को मन गयी
रोता मैं तकना उसका,सोते में जगना उसका
शिकन मेरे चेहरे पे जब, माथे पे चुम्बन
पर दिन वो सारे बड़े हुए, हम पैरो पेलेटे हुए
अब चलन पे जोर हुआ, माँ का आँचल अब दूर हो गया
घर के बाहर मेरा जाना,मिट्टी में खेल के लिये खेलना
दूध को हाथ में लिए इसी बीच उसका आना,
देख मुझे हंसाना पहले , माँ मेरी दुनिया सबसे पहले!!
पढ़ने पढ़ने की बात शुरू
माँ की अनमोल वो रिश्ता शुरू
क, ख, ग, उसका कहना
तुलाता मैं उसका हंसना
ये सारे नग़मे छूट गये
हम घर से माँ दूर चले गए !!
अब स्कूल की बारी थी
माँ की पूरी तैयारी थी
बुक,बैग,टिफिन सब कुछ जरूरी
बस मुझको लेकर गई थी,
होमवर्क पे ध्यान रहे, उसके बाद सम्मान रहे
संख्याये तुम खुद को भी अभिमान करते हो
पर माँ की मित्रता है, वो कविता की फुलवारी है!
आकाश मेरा अंबर हो तुम
देवी मेरी दुर्गा हो तुम
हो मुझसे तुम्हें शोभित पल पल
न जीना हो तुम बिन एक पल
यादों को मेरी खिच गयी, माँ से मुलाकात की यादें
अब नजरें देखीं सपना, घर को जब छोड़ा चला
कितने भी फूल नयन से, माँ का साथ मैं छोड़ आया
अब दूर शहर में रहता हूँ,
सुख दुःख न किसी से कहता हूँ
सभी बिजनेस बिजनेस हैं, मतलब भर सभी को दिखते हैं
अपनी जेबें भरनी ईसा मसीह, जमीर यहां अब बिकता है
ये हूँ बिलकुल वधि है वो,
यकीन करो पर सच है वो
सुने को मेरी समझ सके, ऐसा कोई नहीं दिखता
मन को मेरे पढ़ ले ऐसा, माँ का ही बस रिश्ता है!!
उदास होता हूं तो हंसा देती है मां- Maa Kavita in Hindi
उदास होता हूं तो हंसा देती है मां
नींद नहीं आती है तो सुला देती है मां
मकान को घर बना देती है मां
खुद भूखी रह कर भी मेरा पेट भरती है मां
जमीं से शिखर तक साथ देती है मां
जन्म से आंखरी सांस तक साथ देती है मां
जिंदगी में मुश्किले चाहें कितनी भी हो
हंस के गुजार लेती है मां
परिवार छोटा हो या बड़ा सम्भाल लेती है मां
मेरी आंखों में छुपी हर एक ख्वाहिश को पहचान लेती है मां
मेरे हर दर्द की दवा करती है मां
मेरी हर खता को माफ कर देती है मां
रिश्तों को जोड़ती है मां
बिना किसी स्वार्थ के प्यार देती है मां
परिवार खुश होता है तब खुश होती है मां
तू चाहे सन्तान ना हो उसकी फिर भी दुलार देती है मां।
हैपी मदर्स डे
Maa Kavita in Hindi- मां पर लिखने के लिए
मां पर लिखने के लिए
मैंने ज्यों ही कलम उठाई
प्रथम पूज्य आराध्य गजानन
तुम्हारी ही याद आई
ज्यों तुमने संपूर्ण सृष्टि को
मां का पर्याय बताया
इससे बेहतर मां को आज तक
कोई समझ न पाया।
गुड मॉर्निंग
प्यारी प्यारी मेरी मां – Maa Kavita in Hindi
प्यारी प्यारी मेरी मां, प्यारी-प्यारी मेरी मां
सारे जाग से न्यारी मां, लोरी रोज सुनाती है,
थपकी दे सुलाती है, जब उतरे आंगन में धूप,
प्यार से मुझे जगाती है, देती चीजें सारी मां,
प्यारी प्यारी मेरी मां
उंगली पकड़ चलाती है, सुबह-शाम घुमाती है,
ममता भरे हुए हाथों से, खाना रोज खिलाती है,
देवी जैसी मेरी मां, सारे जाग से न्यारी मां
हैपी मदर्स डे
Maa Kavita in Hindi – क्या सीरत क्या सूरत थी
क्या सीरत क्या सूरत थी
मां ममता की मूरत थी
पांव छुए और काम बने
अम्मा एक मुहूर्त थी।
बस्ती भर के दुख सुख में
एक अहम जरूरत थी
सच कहते हैं मां हमको
तेरी बहुत जरूरत थी।
हैपी मदर्स डे
घुटनो से रेंगते रेंगते- (Maa Kavita in Hindi)
घुटनो से रेंगते रेंगते
कब पैरो पर खड़ा हुआ
तेरी ममता की छाव में
ना जाने कब बड़ा हुआ
काला टीका दूध-मलाई
आज भी सब कुछ वैसा हैं
एक मैं ही हूं हर जगह
प्यार ये तेरा कैसा हैं?
सीदा-सादा , भोला-भाला
मैं ही सबसे अच्छा हूं
कितना भी हो जाऊं बड़ा मां
मैं आज भी तेरा बच्चा हूं
कैसा था नन्हा बचपन वो
मां की गोद सुहाती थी,
देख-देख कर बच्चों को वो
फूली नहीं समाती थी।
जरा सी ठोकर लग जाती तो
मां दौड़ी हुई आती थी ,
जख्मों पर जब दवा लगाती
आंसू अपने छुपाती थी।
जब भी कोई जिद करते तो
प्यार से वो समझाती थी,
जब-जब बच्चे रूठे उससे
मां उन्हें मनाती थी।
खेल खेलते जब भी कोई
वो भी बच्चा बन जाती थी,
सवाल अगर कोई न आता
टीचर बन के पढ़ाती थी।
सबसे आगे रहें हमेशा
आस सदा ही लगाती थी ,
तारीफ अगर कोई भी करता
गर्व से वो इतराती थी।
होते अगर जरा उदास हम
दोस्त तुरन्त बन जाती थी,
हंसते रोते बीता बचपन
मां ही तो बस साथी थी।
मां के मन को समझ न पाये
हम बच्चों की नादानी थी,
जीती थी बच्चों की खातिर
मां की यही कहानी थी।
हैपी मदर्स डे
Maa Kavita in Hindi – (घुटनो से रेंगते रेंगते)
घुटनो से रेंगते रेंगते
कब पैरो पर खड़ा हुआ
तेरी ममता की छाव में
ना जाने कब बड़ा हुआ
काला टीका दूध-मलाई
आज भी सब कुछ वैसा हैं
एक मैं ही हूं हर जगह
प्यार ये तेरा कैसा हैं?
सीदा-सादा , भोला-भाला
मैं ही सबसे अच्छा हूं
कितना भी हो जाऊं बड़ा मां
मैं आज भी तेरा बच्चा हूं
कैसा था नन्हा बचपन वो
मां की गोद सुहाती थी,
देख-देख कर बच्चों को वो
फूली नहीं समाती थी।
जरा सी ठोकर लग जाती तो
मां दौड़ी हुई आती थी ,
जख्मों पर जब दवा लगाती
आंसू अपने छुपाती थी।
जब भी कोई जिद करते तो
प्यार से वो समझाती थी,
जब-जब बच्चे रूठे उससे
मां उन्हें मनाती थी।
खेल खेलते जब भी कोई
वो भी बच्चा बन जाती थी,
सवाल अगर कोई न आता
टीचर बन के पढ़ाती थी।
सबसे आगे रहें हमेशा
आस सदा ही लगाती थी ,
तारीफ अगर कोई भी करता
गर्व से वो इतराती थी।
होते अगर जरा उदास हम
दोस्त तुरन्त बन जाती थी,
हंसते रोते बीता बचपन
मां ही तो बस साथी थी।
मां के मन को समझ न पाये
हम बच्चों की नादानी थी,
जीती थी बच्चों की खातिर
मां की यही कहानी थी।
हैपी मदर्स डे
दूरियां भले ही बहुत हैं हमारे बीच में- (Maa Kavita in Hindi)
दूरियां भले ही बहुत हैं हमारे बीच में,
हमारे रिश्ते में प्यार रहे काफी है
जनमों जन्म हम साथ रहें न रहें
इस जन्म हम दोनों में कोई दरार ना आए यही काफी है
मेरे लिए तो तेरा प्यार ही काफी है।
हैपी मदर्स डे
मेरे लिए तो तेरा प्यार ही काफी है
मेरे प्यार के लिए तेरा इकरार ही काफी है
मेरे कानों के लिए तेरी पायल की झंकार ही काफी है
हर दिन मेरी आंखों के लिए तेरा दीदार ही काफी है
मेरे लिए तो तेरा प्यार ही काफी है।
मेरे दिल को धड़कने के लिए
तेरे दिल तक जाए वो प्यार की तार ही काफी है,
मैं खुश हूं इस बात से ही
जो तूने किया इजहार ही काफी है,
मेरे लिए तो तेरा प्यार ही काफी है।
क्या हुआ माँ अगर तुम कुछ कह नहीं सकती {Maa Kavita in Hindi}
क्या हुआ माँ अगर तुम कुछ कह नहीं सकती
लेकिन हम तो सब सुन लेते है
क्या हुआ माँ अगर तुम बता नहीं सकती
लेकिन हम तो सब कर देते है
क्या हुआ माँ अगर तुम जता नहीं सकती
लेकिन हम तो महसूस कर लेते है
क्या हुआ अगर तुम चल नहीं सकती
लेकिन हम तो आ जाते है
क्या हुआ माँ अगर तुम बना नहीं सकती
लेकिन हम तो सब चख लेते है
क्या हुआ माँ अगर तुम पूजा नहीं कर सकती
लेकिन हमारी तो तुम ही भगवान हो
क्या हुआ माँ अगर तुम आशाएं छोड़ चुकी हो
लेकिन हम तो उम्मीदों के दामन थामे है
माँ तुम ऐसा जीवन अमृत हो
जिसे हम हर रोज पीते है
आपकी प्यारी बिटिया
“शुचिता सेठ”
यह भी पढ़े- कुत्ते पर कविता
{मम्मी कर लो कुछ आराम} Maa Kavita in Hindi
मम्मी कर लो कुछ आराम
हम सब आज करेंगे काम
छुट्टी पर है लेकिन फिर भी
उधम नहीं मचाएंगे
तुम्हें हाथों आज पकाकर
खाना तुम्हें खिलाएंगे
सुबह दुपहरी हो या शाम
रोज सजाती हो तुम हमको
तुमको आज सजाएंगे
साड़ी चूड़ी पहनो सुंदर
जूडा आज बनाएगे
बैठों बस पल्लू थाम
काम अभी ना करना आता
कारण हम तो हैं नादान
गलती हो तो आँख मींच लो
हमको छोटे बच्चे जान
छोड़ो चिंता आज तमाम
Maa Kavita in Hindi [तेज धूप से मुझे बचाता]
तेज धूप से मुझे बचाता
बन जाता टोपी या छाता
मेरी माँ का आंचल
भरी ठंड गोदी में दुबकू
दे गर्माहट मुझे सुलाता
मेरी माँ का आंचल
पापा आते मुझे ढूँढने
मुझे छिपाता उन्हें छकाता
मेरी माँ का आंचल
चने मूंगफली रखो चाहे
झोली बनकर है लिपटाता
मेरी माँ का आंचल
मैं रोऊँ तो आंसू पौछे
कभी नैपकिन बन जाता है
मेरी माँ का आंचल
चाहे सारी दुनिया रूठे
पल पल मेरा साथ निभाता
मेरी माँ का आंचल
रहूँ कही भी नेह दिखाता
मुझे लुभाता पास बुलाता
मेरी माँ का आँचल
मैं तो चाहूँ जीवन भर ही
रहे सदा घर में लहराता
मेरी माँ का आंचल
“कुसुम अग्रवाल”
[गप्पू चप्पू थे दो भाई] Maa Kavita in Hindi
गप्पू चप्पू थे दो भाई
आपस में ठन गई लड़ाई
गप्पू ने मारा दो चाटा
दांत तभी चप्पू ने काटा
माँ झगड़ा सुनकर जब आई
दोनों पर बेहद गुस्साई
बोली खाना बंद करूंगी
दोनों के कान मलूंगी
जोर जोर से तब चिल्लाना
फिर भी नहीं मिलेगा खाना
दोनों जब कसमें खाओगे
झगड़ा कभी न दुहराओगे
तब दूंगी मैं दूध मलाई
दोनों को ये बातें भाई
अच्छे लड़के नहीं झगड़ते
पढ़ लिखकर आगे बढ़ते
कान पकड़ दोनों पछ्ताएं
फिर तो माँ ने गले लगाए
Maa Kavita in Hindi [सूरज चंदा कितने प्यारे]
सूरज चंदा कितने प्यारे
रहते हैं क्यों न्यारे न्यारे
दोनों से ही मिले उजाला
इनका कैसा खेल निराला
एक आग तो दूजा पानी
क्या है इनकी सत्य कहानी
एक आए तो दूजा जाए
फिर मिलना कैसे हो पाए
चाँद संग तारों का मेला
सूरज फिर क्यों उगे अकेला
मम्मी अब ये भेद बताओ
दोनों का रिश्ता समझाओ
“रेनू सिरोया”
[सब मुझको मीठी कहते है] – Maa Kavita in Hindi
सब मुझको मीठी कहते है
माँ कहती है कम बतियाओ
मेरी फ्रांक बड़ी ही सुंदर
माँ कहती है कम इतराओ
पापा कहते है परी हूँ उनकी
माँ कहती है पढने जाओ
आज सखी से हुआ है पंगा
माँ कहती है भूल भी जाओ
मेरी गुडिया सोई न अब तक
माँ कहती है अब सो जाओ
आँख में आंसू देखे बोले
गले लगा लू पास तो आओ
Maa Kavita in Hindi – [जी करता है, बैठ किसी दिन]
जी करता है, बैठ किसी दिन
मम्मी को समझाऊं मैं
ता धिन, तक धिन थेई थेई
कुचीपुड़ी सिखलाऊ मैं
जो भी बढ़िया काम करूं मैं
उसमें खोट दिखाती है
मेरी रुचियाँ मेरे शौक
सबमें टांग अडाती है
जब मैं चाहूँ पार्क घूमना
मुझको बिठला देती हैं
जब मैं उनकी बात सुनूँ न
झट गंदी कह देती हैं
ये मत करना, वहा न जाना
हरदम बैठी पढ़ा करो
हंसना और फुदकना छोड़ो
थोडा चुप चुप रहा करो
जाने कितने पाठ तजुर्बे
बिन पुस्तक बतलाती है
मैं सुनते सो जाती हूँ
उनको नींद न आती हैं
सोचा कह दूँ पर मम्मी जी
कभी आप भी बच्ची थी
कहो तो पूछूं मैं नानी से
तब क्या ऐसे अच्छी थी?
पर डरती हूँ कहीं न मम्मी
कह दें हिस्ट्री याद करो
बक बक करना फिर दादी सी
चलो गणित की बात करो
अंदर से बस्ता ले आओ
अपना अंक पत्र दिखलाओ
जो जो प्रश्न नहीं हल की थी
बैठों और उन्हें दुहराओ
आते होते प्रश्न कहीं तो
क्या मैं उस दिन रोती?
अच्छा होता मम्मी फिर से
मुझ सी बच्ची होती
“राम करन”
आंगन में बैठी माँ- Maa Kavita in Hindi
आंगन में बैठी माँ
घर डाल रही है
धूप नर्म गिलहरी सी
उसके साथ साथ
आगे पीछे फुदकती है
माँ घर बुन रही हैं
साथ साथ हवाएं भी
घोंसला बनाएंगी यही
यहीं चहचहाएगी ऋतुएँ
माँ घर बुन रही हैं
आकार ले रहा है घर
यह एक दो तरफा स्वेटर है
एक तरफ माँ
एक तरफ घर
घर माँ में समा गया है
माँ घर में
माँ ने जीवन पूंजी देकर
बुना है ये घर
जीवन भर घर की गर्माहट
वैसी ही रही वैसी ही रही
Maa Kavita in Hindi – हरी डाल पर बैठे दुलारे
हरी डाल पर बैठे दुलारे
अम्मा के हैं लाल दुलारे
इंतजार में लगे हुए हैं
पंख फुलाकर खड़े हुए है
अम्मा कब लाएगी दाने
बहुत प्यार से हमें खिलाने
भईया अम्मा आ रही है
देखो चुग्गा ला रही है
दोनों ने अपने मुंह खोले
पंख हिलाकर दोनों बोले
अम्मा प्यारी पहुँच गई अब
भूख हमारी खत्म हुई अब
हंसी ख़ुशी हम खाएंगे
जल्द बड़े हो जाएगे
बन अम्मा का मधुर सहारा
उसका दुःख हर लेगे सारा
Maa Kavita in Hindi — मम्मी मुझको काम सिखा दो
मम्मी मुझको काम सिखा दो
अपने सा तुम मुझे बना दो
मदद तुम्हारी खूब करूंगा
करते करते नहीं थकूगा
तुम माँजोगी मैं धोऊंगा
झाड़ू तुम दो मैं पोंछुंगा
कपड़े धो कर तुम्हीं सुखा दो
मम्मी मुझको काम सिखा दो
लाओ मैं सब्जी को काटू
लाओ तेरा हाथ बंटा दूं
सेवा की मुझे राह दिखा दो
“उर्मिल सत्यभूषण”
गूगल जैसी लगती मम्मा — Maa Kavita in Hindi
गूगल जैसी लगती मम्मा
सब कुछ मुझे बताती है
मेरी सारी दुविधाओं को
पल भर में सुलझाती है
मैं सारे प्रश्नों का उत्तर
मम्मा से ही पाता हूँ
गूगल जैसी लगती मम्मा
सच्ची बात बताता हूँ
ऐसे लिखना ऐसे बोलो
मम्मा मुझे सिखाती है
बैठ संग में होमवर्क भी
समझा कर करवाती
गूगल से जो पुछू कुछ भी
भ्रमित बहुत हो जाता हूँ
गूगल जैसी लगती मम्मा
सच्ची बात बताता हूँ
मम्मा से बढ़कर दुनिया में
और नहीं कोई ज्ञानी
ममता की मूरत मम्मा हैं
बात यही मैंने जानी
इसीलिए तो मम्मा को मैं
हर दिन शीश नवाता हूँ
गूगल जैसी लगती मम्मा
सच्ची बात बताता हूँ
निश्चल
यह भी पढ़े- बेहतरीन शादी कविता
Maa Kavita in Hindi – मम्मी जी क्यों बात बात में
मम्मी जी क्यों बात बात में
चिल्लाती हो?
बच्चे ही तो हैं हम
गलती हो जाती है
और सच कहें बुद्धि बाद में
पछताती है
पर रोना आता है जब तुम
गुस्साती हो
हमें पता है काम बहुत ही
निबटाती तुम
और नहीं आराम तनिक भी
कर पातीं तुम
इसीलिए चिडचिड़ी हुई हो
चिढ जाती हो
प्यारी मम्मी! काम हमें भी
बतलाओ कुछ
हाथ बंटाएंगे हमको भी
सिख्लाओं कुछ
तुम नाहक ही परेशान हो
घबराती हो
तू चुप चुप क्यों रोई माँ – Maa Kavita in Hindi
तू चुप चुप क्यों रोई माँ
नहीं रात भर सोई माँ
गरम आंसुओं से क्यों तूने
चादर बता भिगोई माँ
देख रहा हूँ कई दिनों से
रहती खोई खोई माँ
भूखी रहकर तूने रांधी
सबके लिए रसोई माँ
तूने सब कुछ लुटा दिया पर
तेरे साथ न कोई माँ
Maa Kavita in Hindi → मम्मी अब मैं हुआ बड़ा
मम्मी अब मैं हुआ बड़ा
नहीं करूं मैं अब झगड़ा
भर गिलास दो दूध मुझे
पी जाऊं मैं खड़ा खड़ा
दौड़ हरा दूँ भोलू को
भले बहुत वह है तगड़ा
चित्र बनाऊं सुंदर मैं
लिखता सुंदर बड़ा बड़ा
गिनती भी आती मुझको
ए बी सी भी लिखा पढ़ा
नहीं गिरी मेरी साइकिल
जब मैं उस पर कूद चढ़ा
मेरी अम्मा सबसे अच्छी ← Maa Kavita in Hindi
मेरी अम्मा सबसे अच्छी
हम सबको वह करती प्यार
डूबी रहती सदा काम में
खुश रखती सारा परिवार
बड़े सवेरे उठ जाती है
निपटाती सब घर के काम
कपड़े लत्ते झाड़ू पोंछा
लेती कब थकने का नाम
पूजा करके हमें जगाती
सो जाते हम बारंबार
हम सब हँसते कैसी अम्मा
याद न रहता क्यों इतवार
माँ क्या जाने छुट्टी होती
क्यों भाता हमकों इतवार
सूरज जैसी मेरी अम्मा
काम करे वह सातो वार
झोली भर भर प्यार बाँटती
जी भर करती लाड दुलार
नन्हे मन को खूब समझती
माँ प्रभु का सुंदर उपहार
Maa Kavita in Hindi – सड़क अँधेरी बत्ती गुल
सड़क अँधेरी बत्ती गुल
घर में हैं मम्मी व्याकुल
पापा अब तक घर न आए
माँ को धीरज कौन बंधाए?
बार बार बाहर जाती हैं
अगले पल अंदर आती हैं
मैं समझाऊं आँख दिखाएं
बहना को भी वह धमकाएं
लो इतने में पापा आए
मम्मी को थैले पकड़ाए
मम्मी ने पूछा तो बोले
कब से रुका हुआ था पुल
हम सब खूब हंसे खिलखिल
सड़क अँधेरी बत्ती गुल
अगर न होती माताजी – Maa Kavita in Hindi
अगर न होती माताजी
जग में कैसे आता जी
आँचल तले थपकियाँ देकर
लोरी कौन सुनाता जी
कभी रूठ यदि जाता तो
गोद बिठा दुलराता जी
तनिक पीर मुझको होती
दिल उसका दुःख जाता जी
विद्यालय जाने के खातिर
बस्ता कौन थमाता जी
बेटा ! नेक राह पर चलना
रस्ता कौन दिखाता जी
तोल न पाया कोई अब तक
माँ बेटे का नाता जी
माँ की इतनी पावन मूर्त
तूने रची विधाता जी
माताजी………..
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